जीएसटी के अंतर्गत टीडीएस तंत्र: स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) एक तंत्र है जिसका आरंभ आयकर विभाग ने किया था। यह कर संग्रहण करने की एक ऐसी प्रणाली/पद्धति है जिसके अंतर्गत आपूर्तिकर्ता को भुगतान करते समय प्राप्तकर्ता द्वारा राशि के कुछ प्रतिशत की कटौती की जाती है। यह "अर्जन के समय कर भु गतान’’ योजना के समान है जिसे अन्य कई देशों में विथहोल्डिंग टैक्स के रूप में जाना जाता है। इसमें कर संग्रहण के उत्तरदायित्व की भागीदारी कर कटौतीकर्ता और कर प्रशासन के बीच सुकर हो जाती है। इससे सरकार को धन संसाधनों का नियमित अंतर्वाह सुनिश्चित होता है। यह कर चोरी को रोकने के लिए एक सशक्त प्रणाली के रूप में कार्य करता है और यह कर तंत्र को विस्तृत करता है क्योकि लेखा परीक्षा हेतु एक श्रृंखला का निर्माण होता है।
जीएसटी के अंतर्गत टीडीएस तंत्र
जीएसटी प्रणाली के अंतर्गत, सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 51 में "स्रोत पर कर कटौती’’ के लिए प्राधिकार एवं प्रक्रिया विनिर्धारित की गई है। सरकार निम्नलिखित व्यक्तियों (कटौतीकर्ताओं) को स्रोत पर कर कटौती करने का आदेश दे सकती है।- (क) केंद्रीय सरकार या राज्य सरकार का कोई विभाग या अवस्थापन; अथवा
- (ख) स्थानीय प्राधिकारी; अथवा
- (ग) सरकारी अभिकरण; अथवा
- (घ) उन व्यक्तियों अथवा व्यक्तियों की ऐसी श्रेणी को जिन्हें परिषद की सिफारिशों पर सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाए।
- (क) आपूर्तिकर्ता, आपूर्ति का स्थान और प्राप्तकर्ता एक ही राज्य में हैं। यह आपूर्ति अंत:राज्य आपूर्ति होगी और उस पर टीडीएस (केंद्रीय तथा राज्य कर) की कटौती की जाएगी। इस प्रकार आपूर्तिकर्ता (जिससे कर कटौती की जानी है) के लिए अपने इलेक्ट्रॉनिक नकदी रजिस्टर में टीडीएस का क्रेडिट लेना संभव होगा।
- (ख) आपूर्तिकर्ता एवं आपूर्ति का स्थान दोनों अलग-अलग राज्यों में हैं। ऐसे मामलों में, एकीकृत कर की उगाही की जाएगी। काटा गया टीडीएस (एकीकृत कर) होगा और आपूर्तिकर्ता (अर्थात जिससे कर की कटौती की गई) को अपने इलेक्ट्रॉनिक नकदी रजिस्टकर में टीडीएस का क्रेडिट लेना संभव होगा।
- (ग) आपूर्तिकर्ता तथा आपूर्ति का स्थान दोनों ‘’क’’ राज्य में हैं और प्राप्ताकर्ता राज्य ‘’ख’’ में अवस्थित है तो इस आपूर्ति को अंतरा-राज्य आपूर्ति कहा जाएगा और इस पर केंद्रीय कर एवं राज्य कर की उगाही की जाएगी। ऐसे मामले में, टीडीएस (केंद्रीय कर + तथा ख राज्य का राज्य कर) का आपूर्तिकर्ता (केंद्रीय कर + तथा क राज्य का राज्य कर) के नकदी रजिस्टर में अंतरण होना मुश्किल होगा। इसलिए ऐसे मामलों में टीडीएस की कटौती नहीं की जाएगी।
टीडीएस कटौतीकर्ताओं का पंजीकरण
टीडीएस कटौतीकर्ता को बिना किसी निर्दिष्ट सीमा के अपना अनिवार्य पंजीकरण कराना होता है। कटौतीकर्ता को पीएएन (PAN) प्राप्त करने की आवश्यकता के बिना जीएसटी के अंतर्गत पंजीकरण कराने का विशेषाधिकार प्राप्त होता है। वह आयकर अधिनियम, 1961 के अंतर्गत जारी किए गए अपने कर कटौती एवं संग्रहण खाता संख्या (टीएएन (TAN)) का प्रयोग करके अपना पंजीकरण करा सकता है।सरकार के पास टीडीएस जमा करना
टीडीएस प्रमाणपत
टीडीएस कटौतीकर्ता (वह व्यक्ति जिसने कर काटा है) को कर की राशि सरकार के खाते में जमा करने के 5 दिनों के भीतर कटौती करने वाले व्यक्ति (वह आपूर्तिकर्ता जिसके भुगतान में से टीडीएस काटा गया है) को जीएसटीआर-1क प्रपत्र में टीडीएस प्रमाणपत्र जारी करना अपेक्षित होता है, ऐसा न कर पाने पर कर कटौतीकर्ता को 5 दिनों की अवधि समाप्त हो जाने के दिन से प्रमाणपत्र जारी किए जाने के दिन तक 100/-रुपए प्रतिदिन का विलंब शुल्क जमा करना अपेक्षित होता है। यह विलंब शुल्क 5,000/- रुपए से अधिक नहीं होगा। ऊपर विनिर्दिष्ट कर की कटौती करने के प्रयोजनार्थ आपूर्तियों के मूल्य को माना जाएगा परंतु इसमें केंद्रीय कर, राज्य कर, संघ शासित क्षेत्र कर, एकीकृत कर और बीजक में इंगित उपकर शामिल नहीं है।टीडीएस विवरणी (TDS Return)
कटौतीकर्ता को माह की समाप्ति के 10 दिनों के भीतर जीएसटीआर-7 प्रपत्र में रिटर्न फाइल करना अपेक्षित होता है। यदि आपूर्तिकर्ता पंजीकृत नहीं है तो रिटर्न में जीएसटीआईएन के बजाय आपूर्तिकर्ता के नाम का उल्लेख करना होता है। कर कटौतीकर्ता द्वारा जीएसटीआर-7 प्रपत्र में प्रस्तुत कर कटौती के स्रोत का विवरण प्रत्येक आपूर्तिकर्ता को कॉमन पोर्टल पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से जीएसटीआर-2 प्रपत्र के भाग-ग में उपलब्ध कराया जाएगा और वह आपूर्तिकर्ता उसे जीएसटीआर-2 प्रपत्र में शामिल करेगा। कर कटौतीकर्ता द्वारा काटी गई राशियां आपूर्तिकर्ता (वह व्यक्ति जिससे कर कटौती की गई) के जीएसटीआर-2 में प्रदर्शित होगा। आपूर्तिकर्ता इस राशि को अपने इलेक्ट्रॉनिक रोकड़ रजिस्टर में क्रेडिट के रूप में ले सकता है और कर अथवा किसी अन्य देयता का भुगतान करने के लिए उसका उपयोग कर सकता है।टीडीएस प्रावधानों का अनुपालन न करने का परिणाम
इवेंट | परिणाम |
टीडीएस कटौती नहीं की गई | टीडीएस की राशि के साथ-साथ उस पर ब्याज का भुगतान करना होगा; अन्यथा राशि का निर्धारण और उसकी वसू ली विधि के अनुरूप की जाएगी |
टीडीएस प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया अथवा पांच दिनों की निर्धारित अवधि के बाद दिया गया | 100/- रुपए प्रतिदिन के हिसाब से विलंब शुल्क जो अधिकतम 5,000/- रुपए तक होगा |
टीडीएस की कटौती की गई परंतु सरकार को उसका भुगतान नहीं किया गया या उत्तरवर्ती माह की 10 तारीख के बाद जमा किया गया | टीडीएस राशि के साथ उसके ब्याज का भुगतान करना होगा; अन्यथा राशि का निर्धारण और उसकी वसूली विधि के अनुरूप की जाएगी |
टीडीएस रिटर्न विलंब से भरना | निर्धारित तारीख के पश्चाित विलंब के प्रत्येिक दिन के लिए 100/- रुपए का विलंब शुल्क देना होगा, परंतु यह विलंब शुल्क अधिकतम 5,000/- रुपए तक होगा |