GST में की मुनाफाखोरी तो कंपनियों का रद्द होगा रजिस्ट्रेशन, नियम हुए नोटिफाई: गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) लागू होने के बाद कारोबारी और व्यापारी अनावश्यक मुनाफा न कमाएं इसके लिए सरकार ने एंटी प्राफिटिंग रूल्स को मंगलवार को नोटिफाई कर दिया। इस नियम के तहत अगर कंपनियों मुनाफाखोरी करते पाई गईं तो उनका रजिस्ट्रेशन रद हो सकता है। यह नियम दो साल के लिए मान्य रहेगा। इसके बाद यह अपने आप खत्म हो जाएगा। अगर जीएसटी लागू होने के बाद होने वाले फायदे ग्राहकों को नहीं पहुंचाएंगे तो उन पर इन नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। जम्मू कश्मीर को छोड़ कर पूरे देश में लागू होगा यह नियम।
GST में की मुनाफाखोरी तो कंपनियों का रद्द होगा रजिस्ट्रेशन, नियम हुए नोटिफाई
यह है कार्रवाई का तरीका
- नियमों के तहत एंटी प्राफिटिंग अथारिटी का गठन होगा।
- अगर जीएसटी के तहत कम हुए टैक्स का लाभ ग्राहक को नहीं दिया तो कारोबारी को गलत तरीके से कमाए गए प्राफिट के साथ 18 फीसदी जुर्माना भी देना होगा।
- हर राज्य में बनेगी स्क्रीनिंग कमेटी, यह आने वाली शिकायतों का निपटारा करेगी।
- इन शिकायतों को दो माह के अंदर निपटाना होगा।
- अगर शिकायतें सही पाई गईं तो इन पर कार्रवाई के लिए डायरेक्टर जनरल ऑफ सेफगार्ड के पास कार्रवाई के लिए भेजी जाएंगी।
- डायरेक्टर जनरल ऑफ सेफगार्ड संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करेंगे।
- इसके बाद डायरेक्टर जनरल ऑफ सेफगार्ड अपनी रिपोर्ट अथारिटी को देंगे।
- इसके बाद अथारिटी तीन माह के अंदर कार्रवाई करेगी।
एंटी प्राफिटिंग अथारिटी में होंगे 5 सदस्य
एंटी प्राफिटिंग अथारिटी में 5 सदस्य होंगे। इसका मुखिया सेक्रेट्ररी लेवल का अधिकारी होगा। इसको टैक्स के अनुसार वस्तुओं के दाम घटाने के आदेश देने के अधिकार होंगे।
क्या है यह नियम
जीएसटी लागू होने के बाद कई सेवाओं और वस्तुओं के दाम कम हो जाएंगे। ऐसे में कारोबारियों को यह फायदा ग्राहकों को पहुंचाना पड़ेगा। लेकिन अगर इसकी शिकायत मिलती है जीएसटी में कम हुए टैक्स का फायदा कंपनियां या कारोबारी ग्राहकों को नहीं दे रहे हैं तो इस नियम के तहत उन पर कार्रवाई होगी।
कैसे मिलेगा ग्राहक को फायदा
इस नियम के तहत अगर जांच में शिकायत सही पाई जाती है तो कारोबारी से जुर्मान वसूला जाएगा। अगर जुर्माने में मिली राशि ग्राहक तक पहुंचाना संभव होगा तो ग्राहक को दी जाएगी। लेकिन जहां ऐसा संभव नहीं होगा वह पैसा सरकार अपने पास रखेगी।
जीएसटी में हैं ये 4 टैक्स स्लैब
सरकार ने GST को एक जुलाई से लागू करने का फैसला कर लिया है। जीएसटी काउंसिल ने टैक्स के 4 स्लैब तय किए गए। गुड्स एंड सर्विसेज पर 5, 12, 18 और 28 फीसदी के स्लैब में टैक्स रेट तय हुए। लग्जरी और डिमेरिट गुड्स पर 28 फीसदी टैक्स के अलावा सेस भी तय किया गया।
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