किस पर लगेगा Tax, किसे मिलेगी छूट, ये है GST की पूरी ABCD
किस पर लगेगा Tax, किसे मिलेगी छूट, ये है GST की पूरी ABCD: 30 जून की आधी रात से देश में जीएसटी लागू हो गया है। इसे आजादी के बाद का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म.||किस पर लगेगा Tax, किसे मिलेगी छूट, ये है GST की पूरी ABCD: 30 जून की आधी रात से देश में जीएसटी लागू हो गया है। इसे आजादी के बाद का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म.||किस पर लगेगा Tax, किसे मिलेगी छूट, ये है GST की पूरी ABCD: 30 जून की आधी रात से देश में जीएसटी लागू हो गया है। इसे आजादी के बाद का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म.||किस पर लगेगा Tax, किसे मिलेगी छूट, ये है GST की पूरी ABCD: 30 जून की आधी रात से देश में जीएसटी लागू हो गया है। इसे आजादी के बाद का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म.

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किस पर लगेगा Tax, किसे मिलेगी छूट, ये है GST की पूरी ABCD: 30 जून की आधी रात से देश में जीएसटी लागू हो गया है । इसे आजादी के बाद का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म माना जा रहा है। हालांकि बहुत से लोग अब भी नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर जीएसटी क्या है। क्या इसके आने के बाद क्या सारे टैक्स खत्म हो जाएंगे। क्या हर व्यक्ति जीएसटी के दायरे में आएगा।
इसे ऐसे समझें
इसे ऐसे समझें
मान लीजिए आप किसी चीज की मैन्युफैक्चरिंग करते हैं। आपकी ब्रिकी (आउटपुट) के आधार पर आप पर 10 हजार रुपए की देनदारी बनती है।
इसे ऐसे समझें
- इसमें कितने तरह से टैक्स लगेंगे। जीएसटी किसे देना होगा।
- आम आदमी जीएसटी के दायरे में आएगा या नहीं।
- हम आपको 10 प्वाइंट में बताते हैं कि आखिर जीएसटी के चलते होगा।
किस पर लगेगा Tax, किसे मिलेगी छूट, ये है GST की पूरी ABCD
क्या है जीएसटी
- जीएसटी मूल तौर पर डेस्टिनेशन बेस्ड टैक्स है।
- मतलब अब किसी भी सामान या सेवा वहां टैक्स लगेगा जहां वह बिकेगी।
- अभी तक वहां लगता था जहां यह सामान बनता था।
- मान लीजिए अभी तक गुजरात में सामना बनता था और यूपी में बिकता था।
- पहले की रिजिम में गुजरात में टैक्स लगता था। वहीं अब की रिजिम में टैक्स यूपी में लगेगा।
क्या होगा इससे
- इसके चलते सारे इन डायरेक्ट टैक्स खत्म हो जाएंगे और एक ही टैक्स रह जाएगा, जिसका नाम जीएसटी होगा।
- मतलब अलग-अलग लेवल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स और वैट की जगह सिर्फ एक ही टैक्स लगेगा वह है जीएसटी।
- मान लीजिए एक फैन बनता है। प्रोडक्शन के बाद फ्रैक्ट्री में ही उस पर एक्साइज ड्यूटी लग जाती है।
- फैक्ट्री से निकलने के बाद जैसे ही वह किसी राज्य में प्रवेश करता था उसपर इंट्री टैक्स लग जाता था।
- जहां बिकता था वहां वैट लगता है। एक ही प्रोडक्ट पर तीन बार टैक्स लगा।
- अगर वह फैन 5 राज्यों में गुजरा तो 5 बार इंट्री टैक्स लगा।
- अब इनकी जगह सिर्फ एक बार जीएसटी लगेगा। बाकी सारे टैक्स खत्म।
कैसे सामान होंगे सस्ते
पहले के टैक्स सिस्टम में कई स्लैब में टैक्स लगते थे, मतलब कई बार टैक्स लगने के बाद जो कीमत आती थी, उसपर फिर से टैक्स लग जाता था। अब उसपर एक ही बार टैक्स लगेगा। जिससे टैक्स पर टैक्स लगने की संभावना खत्म हो जाएगी। साथ ही एक सामान अभी तक जितने राज्यों से होकर गुजरता था, उतनी बार उसपर इंट्री टैक्स लगता था, इससे प्रोडक्ट की लागत बढ़ जाती थी। इसे ऐसे समझे- मान लीजिए गुजरात में एक जूता बना। उसकी लागत 100 रुपए आई।
- बनने के बाद उसपर 12 फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगी। कीमत पहुंची 112 रुपए।
- मानलीजिए वह तीन राज्यों से गुजरा, उस पर हर राज्य ने 2 फीसदी के हिसाब से इंट्री टैक्स टैक्स लगाया।
- मतलब कीमत 7.5 रुपए और बढ़ी और यह करीब 120 रुपए पर पहुंच गई ।
- जहां बिका वहां 6 फीसदी वैट लगा। मतलब कीमत हो गई करीब 128 रुपए।
- जीएसटी में जूते पर मैक्सिम जीएसटी 18 परसेंट है। मतलब 100 रुपए लागत और 18 रुपए टैक्स।
- टोटल कीमत करीब 118 रुपए हुई।
किसी सामान पर 2 बार टैक्स क्यों नहीं लगेगा ?
दरअसल जीएसटी के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट का प्रावधान किया गया है। इसके चलते एक ही प्रोडक्ट पर एक ही बार टैक्स लगेगा।Advertisement
- आपने मैन्युफैक्चरिंग के लिए खरीद (इनपुट) में पहले ही 3000 हजार रुपए का टैक्स दे दिया है।
- ऐसे में आपपर टैक्स की देरदारी का फॉर्मूला होगा वह टोटल ऑउटपुट-इनपुट का होगा।
- मतलब 10,000-3000=7000 रुपए आपको टैक्स देना होगा। 3 हजार रुपए का आपको इनपुट टैक्स क्रेडिट मिल जाएगा।
- हालांकि इनपुट टैक्स क्रेडिट तभी मिलेगा, जब इन्वाइस मैच हो।
जीएसटी मे कितने तरह के टैक्स लगेंगे
- सरकार और जीएसटी काउंसिल ने मिलकर जीएसटी में चार तरह के टैक्स स्लैब तय किए हैं।
- यह क्रमश: 5, 12, 18 और 28 फीसदी है। (GST Rates in Hindi)
- हालांकि बहुत सी सर्विस और सामान को जीएसटी में छूट दी गई है। मतलब उनपर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
- लग्जरी और महंगा आइटम्स पर सेस भी लेगेगा।
- जीएसटी में जरूरी और लग्जरी चीजों को ध्यान में रखकर टैक्स लगाया गया है।
- जैसे नमक, तेल, आटा, चावल पर कोई टैक्स नहीं है, जबकि महंगी कारों और बीडी सिग्रेट पर करीब 28 फीसदी टैक्स लगाया गया है।
आखिर किसपर लगेगा जीएसटी
- इस टैक्स के दायरे में ऐसे लोग आएंगे, जो लोग किसी भी वस्तु या सेवा का बिजनेस करते हैं।
- चाहे आप रेस्टोरेंट चलाते हों या फिर दुकान आप जीएसटी के दायरे में आएंगे।
- देश में इसके अलावा और कोई टैक्स नहीं लगेगा।
- जीएसटी मूल तौर पर इन डायरेक्ट टैक्स है। इसलिए आम लोग इसके दायरे में नहीं आएंगे।
- हालांकि अगर वह बिजनेस करते हैं तो उनपर जीएसटी लगेगा, लेकिन नौकरी पेशा हैं तो नहीं लगेगा।
कौन जीएसटी के दायरे में नहीं आएगा
- ऐसा कारोबारी जिसका सालाना टर्नओवर 40 लाख रुपए से कम है वह जीएसटी के दायरे में नहीं आएगा।
- वहीं कुछ स्पेशल राज्यों में यह सीमा 20 लाख रुपए ही रखी गई है।
- वहीं 1.5 Crore सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए एक कम्पोजीशन स्कीम भी दी गई है।
- इसके तहत वह बिना इनपुट क्रेडिट के ही एक फ्लैट रेट पर टैक्स दे सकते हैं।